Bhokal


नाम : भोकाल (आलोप)
उपनाम : महाबली, तंत्र और तलवार का धनी
संक्षिप्त विवरण : परीलोक का राजकुमार जो अपनी माँ की तलाश में पृथ्वी पर आया और पृथ्वी से दुष्टों और पापियों का नाश करने की प्रतिज्ञा ली।
कार्यक्षेत्र : विकासनगर
व्यवसाय : विकासनगर की सेवा और सुरक्षा
शक्तियां : चमत्कारी तलवार और उड़ने वाली ढाल का मालिक, ज्वालाशक्ति, प्रहारा, युद्धकला में निपुण
कमजोरी : विकासनगर और उसके निवासियों की सुरक्षा का प्रण
मुख्य साथी : तुरीन, शूतान, अतिक्रूर, महारानी मोहिनी, राजकुमार अंकित मोहन, रूपसी, सलोनी इत्यादि।
मुख्य दुश्मन : फूचांग, कुबड़ा शैतान, दुर्गमा, काल कुंडली, गुणीक, माया इत्यादि।


भोकाल की कहानी में आये अब तक के महत्वपूर्णपड़ाव

वैसे तो भोकाल की प्रत्येक कॉमिक्स में उसकेजीवन से जुड़े छोटे-बड़े पड़ाव हैं परन्तु फिर भी यहाँ कोशिश की गयी है की जो घटनाएँ याकॉमिक्स भोकाल की कहानी में अत्यंत महत्वपूर्ण है उनको ही बताया जाये

1. फुचांग द्वारा विकासनगर में खौफनाक खेलोंका आयोजन (खौफनाक खेल): यहाँ से भोकाल की कहानी का प्रारम्भ होती है जब महाबली फुचांगविकासनगर में एक "खौफनाक खेल" का आयोजन करता है जिसमे भाग लेने के लिए भोकाल,शूतान, अतिक्रूर और तुरीनशिरकत करते हैं।
2. भोकाल का परिचय (भोकाल) : यहाँ पता चलताहै कि खौफनाक खेल जीतकर, तिलिस्मी ओलम्पाक तोड़नेके लिए निकला भोकाल आखिर है कौन, परीलोक का एक परा,परीलोक से पृथ्वी पर क्यों आया है?
3. शूतान का परिचय (शूतान) : इस कॉमिक्स मेंखौफनाक खेल जीतने वाले दूसरे प्रतियोगी और भोकाल के मित्र शूतान का भूतकाल बताया गयाहै कि वो आखिर तिलिस्मी ओलम्पाक में क्या करने आया है?
4. अतिक्रूर का परिचय (अतिक्रूर) : इसमेंखौफनाक खेल के तीसरे विजेता अतिक्रूर की कहानी और तिलिस्मी ओलम्पाक में आने का कारणबताया गया है।
5. भोकाल का तिलिस्मी ओलम्पाक तोडना और तुरीनका वास्तविक परिचय (तिलिस्म टूट गया) : काफी जद्दोजहद के बाद भोकाल, शूतान, अतिक्रूर और तुरीनमिलकर तिलिस्मी ओलम्पाक तोड़ते हैं और तब तुरीन की वास्तविकता का पता चलना, फुचांग के षड्यंत्र का पता चलना।
6. भोकाल की माँ की मृत्यु और भोकाल का विकासनगर की रक्षा का प्रण लेना (भोकाल और फुचांग) : भोकाल द्वारा फुचांग का अंत हुआ परन्तुसाथ भी भोकाल के पृथ्वी पर आने का कारण उसकी माँ की भी मृत्यु हो गयी जिस वजह से भोकालने विकास नगर से समस्त दुष्टों का अंत करने का प्रण किया।
7. पीकू पकोड़िया का आगमन और अतिक्रूर की शादी: वैसे तो ये घटना अतिक्रूर के जीवन की है परन्तु अतिक्रूर, भोकाल सीरीज का अहम किरदार है अतः उसके जीवन की घटना भी भोकाल से जुडी हुयी है।"विकांडा" कॉमिक्स में पीकू पकोड़िया का आगमन हुआ और फिर "सबसे बड़ा हत्यारा"और "पीकू पकोड़िया" में उसकी और अतिक्रूर की शादी हुयी और पीकू का रहस्य खुला।
8. तिल्ली का आगमन/भोकाल एवं तुरीन का प्रेमउजागर होना ( तुरीन सीरीज): भोकाल और शूतान का तुरीन के ग्रह ओसाक ग्रह जाना हुआ जहाँतुरीन घायल हो गयी और उसकी जान बचाने के लिए भोकाल को जहरघाटी जाना पड़ा इसमें उसकीमदद की मंत्रों के ज्ञाता तिल्ली ने, सारे घटनाक्रमके बाद जब तुरीन की माँ ने तुरीन और तिल्ली की शादी की घोषणा की तब भोकाल ने इसका विरोधकर तुरीन के प्रति अपने प्रेम का इकरार किया और तुरीन ने भी भोकाल के प्रेम को स्वीकारकर सदा के लिए ओसाक ग्रह छोड़ पृथ्वी पर आ गयी।
9. वेणु का आगमन और शूतान की शादी : अतिक्रूरऔर भोकाल के बाद इनकी मित्र मंडली के तीसरे मित्र शूतान ने भी अपनी जीवन संगिनी चुनली जो थी एक बच्चे चुराने वाली वेणु वृंदावनिया।
10. भोकाल की तलवार खोना : हालाँकि ये भोकालके जीवन की कोई बड़ी घटना नहीं है परन्तु ये भोकाल का पहला विशेषांक था और इसमें पहलीबार भोकाल को बिना अपनी तलवार के दुश्मनो से टक्कर लेनी थी।
11. भोकाल की परीलोक में वापसी (चमत्कारीभोकाल सीरीज) : परीलोक से पृथ्वी पर आने के बाद भोकाल का फिर से परीलोक में आना हुआजहाँ उसे उजड़ चुके परीलोक को फिर से बसाना था, इसी सीरीज में भोकाल को अपने असली रूप यानि एक पंखो के साथ एक परे के रूप में लायागया।
12. भोकाल की पृथ्वी पर वापसी और भोकाल कोज्वालशक्ति प्राप्त होना (ज्वालाशक्ति) : परीलोक को पुनः बसाकर भोकाल और तुरीन वापसपृथ्वी पर आये साथ ही भोकाल को एक और नयी शक्ति की प्राप्ति हुयी जो आगे उसके बहुतकाम आने वाली थी यानि "ज्वालाशक्ति"।
13. हिमराज का आगमन (पराक्रमी) : भोकाल कीकहानी का एक एहम विलन हिमराज जो आगे जाकर तुरीन की मृत्यु का कारण बना इसी कॉमिक्ससे आया था जिसकी शुरू से ही तुरीन पर बुरी नज़र थी, इसी कॉमिक्स में तुरीन की शक्ति उसका मुकुट "प्रहारा" खो गया।
14. भोकाल की दुश्मन माया का आगमन (मायाजाल सीरीज): इस सीरीज में भोकाल की एक अहम दुश्मन माया का आगमन हुआ आगे जाकर जिसके मायाजाल मेंफंसकर भोकाल के जीवन में उथल-पुथल मच गयी। इसी सीरीज की कॉमिक्स "चीता नगरी"में शूतान का सामना चीतानगरी के चीता मानवो से हुआ जिनके कारण आगे जाकर शूतान की मौतहुयी। चीता नगरी में ही शूतान को लड़ाकी मिली जो उसकी दूसरी पत्नी बनी।
15. भोकाल के जीवन में सलोनी और रूपसी का आगमन(यह षड्यंत्र है) : भोकाल के व्यक्तिगत जीवन में अभी तक केवल तुरीन थी इस कॉमिक्स मेंदो और युवतियों का आगमन हुआ एक विकासनगर के राजा विकास मोहन की भतीजी रूपसी जो भोकालसे विवाह की ख्वाहिशमंद थी वहीँ ऋषि अखिलेश की पुत्री सलोनी जो मन ही मन भोकाल को अपनापति मान चुकी थी।

16. राजा विकासमोहन की हत्या (हत्या करूँगा मैं): पृथ्वी पर भोकाल को आसरा देने वाले विकास नगर के राजा विकासमोहन की हत्या हो गयीऔर राज्य की बागडोर महारानी मोहिनी के कंधो पर आ गयी।
17. भोकाल की शादी (शादी नहीं होगी) : भोकाल औरतुरीन की नाटकीय अंदाज़ में शादी हुयी और कई घटनाक्रम के चलते भोकाल और रूपसी की भीअधूरे फेरों के साथ छलपूर्वक विवाह हो गया।
18. कुबड़ा शैतान का आगमन और रूपसी का भोकाल कीजान बचाना (कुबड़ा शैतान) : राजा विकासमोहन की मृत्यु के बाद विकासनगर पर अधिकार ज़मानेउनका बड़ा भाई और रूपसी के पिता राजा विवेकमोहन उर्फ़ कुबड़ा शैतान का आगमन हुआ जिसनेषड्यंत्र के तहत भोकाल को बंदी बना लिया जिससे भोकाल और उसके साथियों की सहायता कीकुबड़ा शैतान के खिलाफ जाकर खुद उसकी बेटी रूपसी ने, यहीं से भोकाल एक तरह से रूपसी का कर्ज़दार बन गया।
19. फुचांग की वापसी और सलोनी द्वारा भोकाल कीसहायता (कछुआ महल) : भोकाल का प्रथम शत्रु फुचांग ने एक बार फिर वापसी की और एक षड्यंत्रके तहत भोकाल और सलोनी को एक तिलिस्म में भेज दिया जहाँ सलोनी ने भोकाल की बहुत सहायताकी जिसके फलस्वरूप भोकाल, सलोनी के प्रति भीनरम दिल हुआ। इन दोनों घटनाओं के बाद अकेली पड़ चुकी सलोनी और रूपसी को न चाहते हुएभी भोकाल को अपने महल में आश्रय देना पड़ा।
20. विकासनगर पर कई शत्रुओं का आक्रमण और भोकालका युद्धभूमि में जाना (कौन बनेगा राजा) : राजा विकासमोहन की मृत्यु के बाद आसपास केराज्यों के कई राजा विकासनगर पर कब्ज़ा करने के इरादे से युद्धभूमि पर आ डटे जिनसे निबटनेके लिए भोकाल को अपनी नववधू तुरीन को महल में छोड़ युद्धभूमि पर जाना पड़ा।
21. शूतान का तुरीन और अपनी पत्नियों को लेकरविकासनगर छोड़कर जाना (युद्ध जीतूंगा मैं) : भोकाल युद्धभूमि में चला गया और इधर तुरीनके गर्भवती होने की खबर आई साथ ही खबर मिली सलोनी और रूपसी के भी गर्भवती होने की(जो दरअसल माया के मायाजाल के कारण था जिसके वशीभूत होकर भोकाल रूपसी और सलोनी के करीबआया) इस कारण तुरीन और रूपसी एवं सलोनी के बीच कलह इतना बढ़ गया की तुरीन को अपनी बहनमानने वाले शूतान ने तुरीन और अपनी पत्नियों सहित विकास नगर छोड़ दिया।
22. भोकाल की भोकाल शक्ति खो जाना (रेत का भोकाल): युद्धभूमि में एक युद्ध के दौरान भोकाल की सबसे अहम शक्ति भोकाल शक्ति खो गयी जिसमेंयदि वो भोकाल बनने के लिए अपने महागुरु भोकाल का नाम पुकारेगा तो रेत का बन जाता।
23. भोकाल के बच्चों का जन्म (शैतान बेटा) : रूपसीद्वारा भोकाल के पुत्र शिखर का जन्म हुआ और सलोनी ने जन्म दिया पुत्री लक्ष्या और एकपुत्र पुष्प को परन्तु सलोनी के पुत्र पुष्प का जन्म के समय ही अपहरण हो गया।
24. शूतान की मौत (मर गया शूतान) : युद्धभूमिके बीच भोकाल को खबर मिली की उसके मित्र शूतान को चीतानगरी के मानव उठा ले गए भोकालउसे बचाने गया परन्तु बचा न सका और उसकी मृत्यु हो गयी वहीँ भोकाल को पता चला की तुरीनकी भी मृत्यु हो चुकी है।
25. तुरीन की मृत्यु,  भोकाल और तुरीन केपुत्र का जन्म (अत्याचारी & आखिरी निशानी) : विकासनगरछोड़ने के बाद शूतान, तुरीन और अपनी पत्नियों संग वन में आ गयाजहाँ भोकाल के शत्रु हिमराज द्वारा तुरीन की मौत और इसी बीच भोकाल के पुत्र का जन्महुआ।
26. भोकाल को पंख मिलना, प्रहारा और दिव्यास्त्रों की प्राप्ति (चुड़ैल माँ/दिव्यास्त्र): भोकाल को तुरीन की आत्मा ने प्रहारा दिया जो बहुत पहले हिमराज के युद्ध के दौरानखोया गया था। भोकाल की मुलाकात एक बुढ़िया से हुयी जिसने भोकाल के पर वापस लाने मेंमुख्य भूमिका निभायी और उसे दिव्यास्त्र प्राप्त करने का मार्ग बताया।
27. पाप के अवतार महारावण और उसके महारथियों सेयुद्ध (महारावण सीरीज) : भोकाल के जीवन की एक अद्भुत यात्रा आरम्भ हुयी उसको दिव्यास्त्रोंकी प्राप्ति हुयी जिसकी बदौलत उसको महारावण और उसके अन्य महारथियों से युद्ध करना थाइस युद्ध में भोकाल की सहायता की अतिक्रूर, धनुषा और स्वयं महाबली हनुमान ने।
28. भोकाल को उसकी भोकाल शक्ति की पुनः प्राप्ति(महारावण) : रेत का भोकाल में खो चुकी भोकाल की भोकाल शक्ति महाबली हनुमान की बदौलतएक बार फिर भोकाल को प्राप्त हुयी जिससे उसने महारावण का अंत किया।
29. भोकाल की विकासनगर वापसी और ऋषि योगेश्वरसे भोकाल की दुश्मनी (लघुघाती) : महारावण के अंत के पश्चात भोकाल का एक बार फिर विकासनगरमें वापसी हुयी जहाँ मद्य में चूर ऋषि योगेश्वर से बहस के कारण ऋषि योगेश्वर ने भोकालको अपना परम शत्रु मान लिया जो बाद में भोकाल के लिए एक के बाद एक मुसीबतें खड़ी करताहैं साथ ही योगेश्वर ने राजा विकासमोहन के पुत्र अंकितमोहन को भी अपना शिष्य बना लियाताकि भविष्य में उसे भोकाल के विरुद्ध खड़ा कर सके।
30. भोकाल के शत्रु दुर्गमा का आगमन (दुर्गमा): दुर्गम से दुर्गम स्थान पर चुटकियों में पहुँचने की क़ाबलियत रखने वाले भोकाल के एकऔर शत्रु दुर्गमा का आगमन हुआ जो ब्रह्माण्ड का सबसे बड़ा महाबली बनना चाहता है जिसकेलिए उसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा है महाबली भोकाल।
31. बुद्धि कौशल के प्रकांड पंडित और भोकाल केशत्रु गुणीक का आगमन (गुणीक) : विकासनगर में बुद्धिमान गुणीक का आगमन हुआ जिसने अपनीबुद्धि कौशल से राजदरबार में जगह भी पा ली परन्तु उसके दुष्ट बेटे को भोकाल ने मृत्युदंडदे डाला जिसके फलस्वरूप वो भोकाल का शत्रु बन बैठा और कई बार अपनी बुद्धि के बल परभोकाल के सामने मुसीबतें खड़ी की।
32. गुरुमाता तेजस्विनी और छदम का आगमन (छदम): भोकाल की कहानी में आगमन हुआ गुरुमाता तेजस्विनी का जिसको चाहिए विकास नगर की राजलक्ष्मीकी मूर्ती इसके लिए वो मदद लेती है रूप बदलने में माहिर भोकाल के एक और शत्रु छदम का।
33. भोकाल के पर कटना और काल कुंडली का आगमन: ऋषि योगेश्वर ने भोकाल को मारने के लिए अपने शिष्य काल कुंडली को भेजा जो लोगों केग्रह-नक्षत्र बदल कर उनकी महादशा बदल सकता है। भोकाल की कुंडली में अपाहिज योग डालकर महरावण सीरीज में प्राप्त हुए भोकाल के पर एक बार फिर कट गए।
34. भोकाल का भविष्य काल में आना (माया का जादू): भूतकाल के नायक भोकाल का प्रथम बार भविष्यकाल में आना हुआ जहाँ आते ही उसका सामनाजंगल के जल्लाद कोबी और भेड़िया से हुआ।
35. भोकाल का तुरीन की आत्मा को प्रहारा लौटादेना (प्रहारा) : एक दुष्ट शक्ति द्वारा भोकाल की प्रहारा शक्ति का गलत इस्तेमाल करनाजिसके कारण भोकाल प्रहारा को उसकी असली मालकिन अर्थात तुरीन की आत्मा को वापस लौटादेता है।
36. भोकाल के बच्चों की मृत्यु (कालजंत्री सीरीज): भोकाल के कई शत्रु मिलकर भोकाल के बच्चों को निशाना बनाते है जिसके फलस्वरूप भोकालके पुत्र और पुत्री मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
37. भोकाल के खोये हुए बेटे का मिलना और उसकीमृत्यु (छल) : शैतान बेटा कॉमिक्स में दिखाए अनुसार जन्म के समय सलोनी के जिस पुत्रका पुष्प का अपहरण हो जाता है उसका मिलना परन्तु मिलते ही कालजंत्री के षड्यंत्र द्वाराउसकी मृत्यु।
38. तुरीन के पुत्र और भोकाल का आमना-सामना (त्रिकाल): जन्म के बाद से ही अज्ञात स्थान पर रहे तुरीन और भोकाल के पुत्र त्रिकाल का आगमनऔर दोनों पिता पुत्र का युद्ध।
39. तुरीन का पुनः जीवित होना (सात सवाल) : तुरीनकी मृत्यु के बाद उसको पुनः जीवित करने का एक उपाय भोकाल को पता चलता है जिसके लिएभोकाल अपने शत्रु काल कुंडली के साथ, सात सवाल हलकरने सात आसमान के पार जाता है और अंत में तुरीन को पुनः जीवित कर लेता है।
40. शूतान की पुनर्वापसी (राज करेगा शैतान/घरआया शूतान) : भोकाल के परीलोक पर उसके चाचा द्रोहना द्वारा कब्ज़ा जिसके फलस्वरूप भोकालका परीलोक जाना और वहां शूतान का जीवित होना।
41. तुरीन की पुनः खोज (गुरु भोकाल/कोबी दक्षिणा): विकासनगर में कुबड़ा शैतान ने षड्यंत्र रचा जिसके तहत एक बार फिर शूतान का तुरीन कोलेकर अज्ञातवास में जाना और कुबड़ा शैतान के षड्यंत्र में रूपसी और सलोनी के शामिल होनेका जानकर घायल अवस्था में भोकाल का विकासनगर छोड़ दिया और तुरीन की तलाश में भटकते-भटकतेकोबी और गुरुराज भाटिकी के पास पहुंचना।
42. परीलोक, महागुरु भोकाल और भोकाल शक्ति के जन्म की कहानी (प्रथम भोकाल सीरीज) : यहाँ सेभोकाल की कहानी को नयी राह मिली जिसका पहला पड़ाव था परीलोक के जन्म की कहानी और आलोपको भोकाल शक्ति देने वाले महागुरु भोकाल और भोकाल शक्ति के जन्म की कहानी।
43. विकासनगर पर सप्त काल स्याहिकाओं का आक्रमणऔर भोकाल की विकासनगर वापसी (धिक्कार) : भोकाल के विकासनगर छोड़ने के बाद विकासनगर मेंसप्त काल स्याहिकाओं का आक्रमण हुआ जिसके फलस्वरुप विकासनगर के सभी रक्षक गायब हो गएइधर भोकाल के पास से भी तुरीन और उनका दूसरा पुत्र यशश्वी गायब हो गया भोकाल उनकी तलाशमें वापस विकासनगर सप्त काल स्याहिकायों से लड़ने पहुंचा।
44. भोकाल को उसके असली मानव पिता और परी माताका पता चलना (अंतर्द्वंद) : भोकाल की कहानी में के नया मोड़ आया जब उसे पता चला की उसकेअसली माता-पिता ओसिका और खजानदेव नहीं बल्कि एक मानव पिता युद्धेष्ठवीर और परी माताअवनिका है।
45. भोकाल का अपने पिता की खोज में निकलना औरयुगम क्षेत्र में पहुंचना (युगांधर) : अपने असली पिता का पता चलने के पश्चात भोकालनिकला अपने पिता की तलाश में और इसी तलाश के बीच भोकाल को बुला लिया गया युग्म क्षेत्र।

भोकाल की अब तक प्रकाशित कॉमिक्स की सूची

Issue No.    Comic's Name

GENL-0292    KHAUFNAAK KHEL
GENL-0302    TILISMI OLAMPAAK
GENL-0305    BHOKAAL
GENL-0312    SHUTAAN
GENL-0321    ATIKROOR
GENL-0325    BHOKAL TILISM MEIN
GENL-0331    TILISM TOOT GAYA
GENL-0336    BHOKAAL AUR FUCHANG
GENL-0340    ATIKRUR AUR GAJOKH
GENL-0345    VIKANDA
GENL-0355    SABSE BADA HATYARA
GENL-0360    PIKU PAKODIA
GENL-0365    TUREEN
GENL-0370    KAPAALA
GENL-0382    ZEHAR GHATI
GENL-0389    SHUTAAN KI SHAADI
GENL-0410    SHAITAAN BUDDHHE
GENL-0440    TEEN CHUDAILENGENL-0455    TANTRA
GENL-0475    CHAMATKARI BHOKAAL
GENL-0481    MAHAGURU BHOKAAL
GENL-0491    SHAKTISHAALI
SPCL-0018     BHOKAAL KI TALWAR
GENL-0504    MAHAYODDHHA
GENL-0516    PAATAAL HATYARA
GENL-0518    NARAK JAAL
GENL-0538    VAJRA
GENL-0543    KAALI KANTHI
GENL-0558    JWALA SHAKTI
SPCL-0034    KHATRON KI DHARTI
GENL-0569    SHAITAAN VRIKSH
GENL-0579    BHOKAAL KA BHUKAMP
GENL-0587    BAWANDAR
GENL-0599    MAIN HATYARA HOON
GENL-0611    PARAKRAMI
GENL-0617    KILAARI KA RAHASYA
GENL-0628    CHEETA NAGRI
GENL-0632    TUREEN KI JANG
GENL-0648    YE SHADYANTRA HAI
SPCL-0055    MAYAJAAL
GENL-0659    HATYA KARUNGA MAIN
GENL-0668    AATMHATYA
SPCL-0062    SHAADI NAHI HOGI
SPCL-0066    KACHHUA MAHAL
GENL-0680    TILISMA
GENL-0687    KUBDA SHAITAAN
GENL-0697    KAUN BANEGA RAJA
GENL-0702    YUDH JEETUNGA MAIN
GENL-0707    BHOKAAL NAHIN HAREGA
SPCL-0070    BAUNA BHOKAAL
GENL-0723    BHOKAAL GAYAB
GENL-0727    JAL UTHA REGISTAAN
GENL-0736    RET KA BHOKAAL
SPCL-0076    SHAITAN BETA
SPCL-0077    VIKAT VYUHA
SPCL-0082    YUDH NAHI LADOONGA
SPCL-0083    BUDDHI PANSA
GENL-0755    MAR GAYA SHOOTAAN
GENL-0771    ATYACHAARI
SPCL-0087    AAKHRI NISHANI
GENL-0791    CHUDAIL MAA
GENL-0795    DIVYASTRA
SPCL-0095    KAALKOOT
SPCL-0097    MRITYUJEET
SPCL-0099    DANKINI
SPCL-0103    KAPALIKA
SPCL-0107    KALANKA
SPCL-0112    MAHAYUDH
SPCL-0114    MAHARAVAN
GENL-0902    DHARNIDHAR
GENL-0910    VISHWA RAKSHAK
GENL-0912    LAGHU GHATI
GENL-0920    RAKTHPAAT
GENL-0930    AKHETAK
GENL-0940    GURU DAKSHINA
GENL-0950    DURGAMA
GENL-0960    MRITYUNJAY
GENL-0970    LAKSHYA
GENL-0980    GURUTWA
GENL-0990    GUNEEK
GENL-0994    FANSI DO BHOKAAL KO
GENL-1008    RANN CHOD
GENL-1018    CHADAM
GENL-1024    BHOKAAL KA KAAL
SPCL-0134    MRITYUSANKET
SPCL-0144    MOHRA
SPCL-0148    MAAT
SPCL-0152    CHAANDAL
SPCL-0163    BHOKAAL BANA KANKAAL
GENL-1046    KAAL KUNDALI
GENL-1054    MRITYUYOG
GENL-1071    DIVYA CHARAN
GENL-1073    ANT
SPCL-0170    TILISMI NIDRA
SPCL-0178    JAAL
SPCL-0182    JAA LALKAAR MAUT KO
SPCL-0192    VISHARKA
SPCL-0197    EK AUR BHEESHM
SPCL-0208    BHOKAAL BANEGA RAJA
SPCL-0218    BHANWAR
SPCL-0221    SHAITAAN KI MAA
SPCL-0227    KUNDLA KA JAAL
SPCL-0233    SHAKTIHEEN
SPCL-0236    SHIKANJA
SPCL-0242    SHAAP
SPCL-0243    MAYA KA JADOO
SPCL-0247    BHOOTKAAL
SPCL-0252    PRAHARA
SPCL-0258    JANJAAL
SPCL-0262    RAAJLAKSHMI
SPCL-0269    TRIKHANDA
SPCL-0277    DURBHIKSH
GENL-1200    KAL JANTRI
SPCL-0284    BHOKAL MERA GULAAM
SPCL-0290    BHOKAAL JEET
SPCL-0299    SABSE BADA MAHABALI
SPCL-0314    JIGAR KA TUKDA
SPCL-0317    CHHAL
SPCL-0321    TRIKAAL
SPCL-0326    BHOKAAL SHISHYA
SPCL-0333    BHAG JAA BHOKAAL
SPCL-0336    SHANI KA PUTRA
SPCL-0345    MRIT SANJIVANI
SPCL-0352    MRITYU AAYI
SPCL-0363    JO JEETA WHO HARA
SPCL-0370    MARKESH
SPCL-0381    BHAGYA VIDHATA
SPCL-0392    TRISHAAP
SPCL-0405    SAAT SAWAL
SPCL-0414    LAUT AAYI TURIN
SPCL-0424    MAIN VACHAN DETA HOON
SPCL-0427    KAAL YATRA
SPCL-0440    KAAL VASHIBHUT
SPCL-0452    PUTLA TANTRA
SPCL-0463    PATAAL VIJETA
SPCL-0476    MITRAGHAAT
SPCL-0487    NASHT
SPCL-0501    KAAL OLAMPAAK
SPCL-0511    VARDAAN
SPCL-0517    BHAGO BHOKAAL AAYA
SPCL-0529    KAAL RAAT
SPCL-0542    PRITHVI CHHOD BHOKAAL
SPCL-0553    LUTERA BHOKAAL
SPCL-0564    SINGHASAN MERA
SPCL-0576    ASTHI SHASTRA
SPCL-0589    KHOON KAREGA KHOON
SPCL-0593    SAPNO KI CHAABI
SPCL-0602    KACHHUA KAWACH
SPCL-0609    MRITYUBEEJ
SPCL-0617    RAAJ KAREGA SHAITAAN
SPCL-0624    GHAR AAYA SHOOTAAN
SPCL-0634    SHAITAN CHAKRA
SPCL-0649    AMRIT NAHI MILEGA
SPCL-0658    BHAGYA LEKHNI
SPCL-0677    LADNA SEEKHO
SPCL-0679    BISAAT
SPCL-0688    SAMMOHAN GHAT
SPCL-2322    PARI RAKSHAK BHOKAL
SPCL-2327    SAAT AJUBE
SPCL-2332    BABA YAGA
SPCL-2343    CINDERELLA
SPCL-2348    NIGHTINGALE
SPCL-2358    PRATHAM BHOKAL
SPCL-2376    PARI JANAM
SPCL-2389    DEV YUDH
SPCL-2394    BHOKAL JANAM
SPCL-2407    MAHAGURU BHOKAL
SPCL-2463    DHIKKAR
SPCL-2468    ANTARDWAND
SPCL-2528    YUGANDHAR
SPCL-2535    SARVYUGAM
SPCL-2551    SARVDAMAN

SPCL-2559    SARVSANGRAM
SPCL-2576    SARVSANHAAR
                       सर्वमंथन
                       सर्वसंधि


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2 comments

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PRADIP KUMAR BURNWAL

Bahut hi jabardast article... Bahut sari knowledge milegi sabko... Everything is just awesome... Mujhe thoda sa bas ye laga k is pure article me bahut si chize reveal kar di gayi hain jo readers ko khud padh k janna chahiye tha.. Anyways rest of the things are superb

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बहुत ही शानदार 👏👏👏👌

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