अभिशप्त योद्धा (An Accursed Warrior) : Season 1 [Capter 1] - निशांत मौर्य
COP प्रस्तुत करते हैं
"तो आपको आने का टाइम मिल ही गया आखिर मिस्टर ध्रुव", ऋचा ने खा जाने वाली आँखों से ध्रुव की ओर देखा...
"सॉरी यार रास्ते में दो गुंडे एक लड़की को छेड़ रहे थे... .
हाँ और तुम उस लड़की का घर बसाकर आ रहे हो न, पता नहीं ये लड़कियां इसके सामने ही गुंडों से छिड़ने क्यों पहुँच जाती हैं", ऋचा बरबराते हुए बोली।
"पता भी है तुम्हे तुम पूरे 98 मिनट्स 53 सेकंड लेट हो"
"यार वो लड़की काफी परेशान थी और अब उसे अकेला तो छोड़ नहीं सकता था तो उसे घर तक छोड़ने चला गया।
अच्छा लीव दिस इतना अर्जेंट मिलने क्यों बुलाया..?"
"आई ऍम सॉरी ध्रुव,मैं जानती हूँ तुम काफी बिजी रहते हो पर तुम्हारे सिवा मेरा है ही कौन? मैं सिर्फ तुम्हारे साथ कुछ टाइम बिताना चाहती थी तभी तुम्हे बहाने से बुलाया। मुझे पता है तुम मुझे अपना नहीं मानते पर मैं तो मानती हूँ न।"
इसी के साथ ऋचा की आँखें आंसुओं से लाल हो गयी।
"ओह सॉरी..शायद आँख में कुछ चला गया।"
"पागल लड़की किसने कहा मैं तुम्हे अपना नहीं मानता ! तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो और आज मैं अपनी सबसे अच्छी दोस्त को लॉन्ग ड्राइव पर लेकर जाऊँगा।"
दूसरों के लिए पूरी तरह से समर्पित ध्रुव ने अपने लिए भी कुछ पल चुरा लिए आज।
एक हीरो होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। अपनी खुशियाँ अपना व्यक्तित्व कभी और कभी तो अपनी जिन्दगी भी दांव पर लग जाए और शायद यही होने वाला आज ध्रुव के साथ।
.........................
Place-Rajnagar ka pahadi chhetra
"ध्रुव तुम सोच भी नहीं सअकते तुम्हारे बाइक की पीछे बैठना कितना खूबसूरत एहसास है |", रिचा बाइक राइडिंग का पूरा आनंद उठा रही थी। कितना अद्भुत था वो एहसास
शायद आज पहली बार ध्रुव भी उस एहसास को महसूस कर रहा था तभी उसे सड़क के बीचों बीच वो चट्टान नहीं दिखाई दी और ध्रुव की बाइक सीधे उससे टकरा गयी।
भावनाएं काफी खतरनाक होती है इसलिए ध्रुव और ऋचा जैसे कुशल कलाबाज भी उस टक्कर से नहीं बच पाए।
रिचा का सर सीधा एक उभरी हुई चट्टान से जा टकराया और वो अपने होश गँवा बैठी। ध्रुव का दिमाग भी अँधेरे की दुनिया में सैर करने लगा पर किसी तरह उसने खुद को संभाला।
"हाहहाहा पता नहीं क्यू कालपुत्र ने मुझे तुझसे सावधान रहने को कहा था! सुना है आजतक तुझे कोई नहीं हरा सका है, लगता है अफवाहों का बाज़ार आजकल ज्यादा ही गरम है। अभी तो सिर्फ मैं आया हूँ और तू घुटनों के बल मेरे सामने पड़ा है। तू तो बड़ा कमजोर शिकार निकला रे सुपर कमांडो ध्रुव"
ध्रुव ने नजर उठा कर देखा तो सामने 6 फीट 8 इंच का एक दैत्य सा दिखने वाला आदमी खड़ा था।
ध्रुव के नजर उठाते ही हवा में एक चट्टान का टुकड़ा प्रकट हो गया और सीधा ध्रुव की ओर बढ़ने लगा। चट्टान सीधा सड़क से टकराई पर ध्रुव वहां पर था ही नही।
चीते को भी मात देने वाली फुर्ती से ध्रुव वहां से हट गया और प्रस्तर जा एक चट्टानी शरीर पर एक जोरदार किक पड़ी। किक का कोई खास असर नहीं हुआ उल्टा ध्रुव का पैर टूटने से बच गया।
नाम के अनुरूप प्रस्तर का शरीर एकदम चट्टानी था जिस पर किसी भी वार का कोई असर नहीं होता...
प्रस्तर हवा मव मौजूद धूल के कणों को जोड़ सकता था और उन्हें चट्टानी रूप में परिवर्तित करके हथियार की तरह प्रयोग कर सकता था जब भी कोई उस पर वार करता था तो वो अपने शरीर के चारों ओर एक चट्टानी परत का सुरक्षाघेरा बना लेता जिसे तोड़ पाना संभव नहीं था।
प्रस्तर ध्रुव पर लगातार वार कर रहा था वो खुद तो बच सकता था पर ऋचा बेहोश थी। उसे कहीं कोई पत्थर लग गया तो वो उसके लिए घातक हो सकता था।
(बचाव करना ही उपाय नहीं था हमला तो करना ही होगा|)
यही सोचकर ध्रुव ने एक बार फिर से प्रस्तर को किक मारी।
प्रस्तर पर तो कोई असर नहीं हुआ पर इस बार ध्रुव के मुंह से हलकी सी चीख निकल गयी। शायद ध्रुव ऋचा को बचाने में नाकाम होने वाला था।
(जब प्रस्तर अपना बचाव करा है तो वो चट्टानों से हमला नहीं करा यानी वो बचाव और हमला एक साथ नहीं कर सकता )
ध्रुव ने मन में सोचा।
अब ध्रुव को प्रस्तर की इसी कमजोरी का फायदा उठाना था। ध्रुव प्रस्तर के वारों को बचाता हुआ अपनी बाइक स्टार्ट कर दी। शायद वो रिचा को इस लड़ाई से दूर करना चाहता था।
"भाग कहाँ रहा है?कितना सुना है तेरे बारे में पर तू तो भगोड़ा निकला। मैं तेरा पीछा यमलोक तक नहीं छोड़ने वाला।", ये बोलकर प्रस्तर भी ध्रुव का पीछा करने लगा।
लगातार हो रहे वारों से ध्रुव की बाइक का पिछला पहिया बाइक से टूटकर अलग हो गया। कुछ ही पलों के बाद ध्रुव प्रस्तर के सामने निहत्था खड़ा था एक निश्चित मौत के इन्तेजार में।
पर ध्रुव को शायद मौत मंजूर नहीं थी क्योंकि उसके साथ ऋचा की भी जिन्दगी जुडी हुई थी।
उसके शक्तिशाली बाजुओं ने बाइक का फ्यूल टैंक उखाड़ लिया।
ध्रुव ने फ्यूल टैंक को प्रस्तर की ओर फेंक दिया और प्रस्तर ने उस फ्यूल टैंक से बचने के लिए उस पर पत्थरों की बारिश कर दी। पत्थरों के टकराने से फ्यूल टैंक फट गया और एक जोरदार धमाका हुआ। उस धमाके के असर से प्रस्तर और ध्रुव दोनो का शरीर हवा में उड़ गया। पहाड़ी क्षेत्र होने के वजह से सडक के किनारे 200 फीट की गहरी खायी थी और ध्रुव और प्रस्तर तेजी से उस खाई में गिरने लगे।
ध्रुव को तो उभरी हुई चट्टान का एक किनारा मिल गया था और उसमे उसने स्टार लाइन फंसा दी पर प्रस्तर अपनी जान तभी बचा सकता था जब वो अपने शरीर को कठोर कर ले और यदि वो ऐसा करता तो वो ध्रुव पर वार नहीं कर पाता। प्रस्तर ने अपनी जान से ज्यादा महत्त्व अपने मकसद को दिया और उस चट्टान पर अपना आखिरी वार किया जिस चट्टान से ध्रुव लटका हुआ था। प्रस्तर का शरीर जमीन से जा टकराया और टकराकर गायब हो गया।
ध्रुव एक बार फिर नीचे गिरने लगा।अब ध्रुव को कोई करिश्मा ही बचा सकता था।
और करिश्मा हुआ। और अचानक से उसने खुद की हवा में उड़ता हुआ महसूस किया।
"मुझे मिस किया", ब्लैक कैट ने ध्रुव की ओर मुस्कुराते हुए देखा।
"तुम यहाँ कैसे पहुँची?"
"कितनी बार कहा है ये सवाल मत पूछो। काली बिल्ली कभी भी रास्ता काट जाती है।"
"Oh so sorry.... Thanks"- ध्रुव हकलाते हुए बोला।
"ओह..सो सॉरी..वैसे मुझे तुम्हारी बात सुनाई नहीं दिया पर थैंक यू"
"No thanks and sorry in friendship और तुमने तो दोनों बोल दिए।"
"एक्चुअली मैं यहीं से गुजर रही थी तो मुझे लगा तुम्हे मेरी हेल्प की जरूरत पड़े एंड आई वाज राईट। तभी मैंने तुम्हारु कबाड़ा बाइक से स्टार लाइन निकाली और तुम्हे पकड़ लिया"
"चलो अच्छा है। मेरा काम खत्म हुआ।.... now I go ba bye" ये बोलकर ब्लैककैट गायब हो गयी।
"Oh Shit ..इस सब के चक्कर में ऋचा को तो भूल गया पता नहीं कैसी होगी वो", ध्रुव ने शू स्केट्स निकाले और तेजी से बेहोश ऋचा के पास पहुंचा जहां वो बेहोश पड़ी थी।
(ब्लैककैट वहां पहुँच कर ऋचा के रूप में बेहोश होने का नाटक कर रही थी)
"Richa..Please wake up"-ध्रुव ने उसका पूरा शरीर हिला डाला।
"तुम थोडा प्यार से नही उठा सकते हो... आह....और आज के बाद तुम बैलगाड़ी पर भी लॉन्ग ड्राइव लेकर जाओ तो मैं नहीं जाने वाली", ऋचा ने आँखें खोलते हुए कहा।
"थैंकगॉड तुम्हे होश आ गया", ध्रुव ने रिचा को कसकर गले लगा लिया।
To be continued.........
एक अभिशप्त योद्धा (An Accursed Warrior)
लेखक - निशांत मौर्य
Chapter 1
"तो आपको आने का टाइम मिल ही गया आखिर मिस्टर ध्रुव", ऋचा ने खा जाने वाली आँखों से ध्रुव की ओर देखा...
"सॉरी यार रास्ते में दो गुंडे एक लड़की को छेड़ रहे थे... .
हाँ और तुम उस लड़की का घर बसाकर आ रहे हो न, पता नहीं ये लड़कियां इसके सामने ही गुंडों से छिड़ने क्यों पहुँच जाती हैं", ऋचा बरबराते हुए बोली।
"पता भी है तुम्हे तुम पूरे 98 मिनट्स 53 सेकंड लेट हो"
"यार वो लड़की काफी परेशान थी और अब उसे अकेला तो छोड़ नहीं सकता था तो उसे घर तक छोड़ने चला गया।
अच्छा लीव दिस इतना अर्जेंट मिलने क्यों बुलाया..?"
"आई ऍम सॉरी ध्रुव,मैं जानती हूँ तुम काफी बिजी रहते हो पर तुम्हारे सिवा मेरा है ही कौन? मैं सिर्फ तुम्हारे साथ कुछ टाइम बिताना चाहती थी तभी तुम्हे बहाने से बुलाया। मुझे पता है तुम मुझे अपना नहीं मानते पर मैं तो मानती हूँ न।"
इसी के साथ ऋचा की आँखें आंसुओं से लाल हो गयी।
"ओह सॉरी..शायद आँख में कुछ चला गया।"
"पागल लड़की किसने कहा मैं तुम्हे अपना नहीं मानता ! तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो और आज मैं अपनी सबसे अच्छी दोस्त को लॉन्ग ड्राइव पर लेकर जाऊँगा।"
दूसरों के लिए पूरी तरह से समर्पित ध्रुव ने अपने लिए भी कुछ पल चुरा लिए आज।
एक हीरो होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। अपनी खुशियाँ अपना व्यक्तित्व कभी और कभी तो अपनी जिन्दगी भी दांव पर लग जाए और शायद यही होने वाला आज ध्रुव के साथ।
.........................
Place-Rajnagar ka pahadi chhetra
"ध्रुव तुम सोच भी नहीं सअकते तुम्हारे बाइक की पीछे बैठना कितना खूबसूरत एहसास है |", रिचा बाइक राइडिंग का पूरा आनंद उठा रही थी। कितना अद्भुत था वो एहसास
शायद आज पहली बार ध्रुव भी उस एहसास को महसूस कर रहा था तभी उसे सड़क के बीचों बीच वो चट्टान नहीं दिखाई दी और ध्रुव की बाइक सीधे उससे टकरा गयी।
भावनाएं काफी खतरनाक होती है इसलिए ध्रुव और ऋचा जैसे कुशल कलाबाज भी उस टक्कर से नहीं बच पाए।
रिचा का सर सीधा एक उभरी हुई चट्टान से जा टकराया और वो अपने होश गँवा बैठी। ध्रुव का दिमाग भी अँधेरे की दुनिया में सैर करने लगा पर किसी तरह उसने खुद को संभाला।
"हाहहाहा पता नहीं क्यू कालपुत्र ने मुझे तुझसे सावधान रहने को कहा था! सुना है आजतक तुझे कोई नहीं हरा सका है, लगता है अफवाहों का बाज़ार आजकल ज्यादा ही गरम है। अभी तो सिर्फ मैं आया हूँ और तू घुटनों के बल मेरे सामने पड़ा है। तू तो बड़ा कमजोर शिकार निकला रे सुपर कमांडो ध्रुव"
ध्रुव ने नजर उठा कर देखा तो सामने 6 फीट 8 इंच का एक दैत्य सा दिखने वाला आदमी खड़ा था।
ध्रुव के नजर उठाते ही हवा में एक चट्टान का टुकड़ा प्रकट हो गया और सीधा ध्रुव की ओर बढ़ने लगा। चट्टान सीधा सड़क से टकराई पर ध्रुव वहां पर था ही नही।
चीते को भी मात देने वाली फुर्ती से ध्रुव वहां से हट गया और प्रस्तर जा एक चट्टानी शरीर पर एक जोरदार किक पड़ी। किक का कोई खास असर नहीं हुआ उल्टा ध्रुव का पैर टूटने से बच गया।
नाम के अनुरूप प्रस्तर का शरीर एकदम चट्टानी था जिस पर किसी भी वार का कोई असर नहीं होता...
प्रस्तर हवा मव मौजूद धूल के कणों को जोड़ सकता था और उन्हें चट्टानी रूप में परिवर्तित करके हथियार की तरह प्रयोग कर सकता था जब भी कोई उस पर वार करता था तो वो अपने शरीर के चारों ओर एक चट्टानी परत का सुरक्षाघेरा बना लेता जिसे तोड़ पाना संभव नहीं था।
प्रस्तर ध्रुव पर लगातार वार कर रहा था वो खुद तो बच सकता था पर ऋचा बेहोश थी। उसे कहीं कोई पत्थर लग गया तो वो उसके लिए घातक हो सकता था।
(बचाव करना ही उपाय नहीं था हमला तो करना ही होगा|)
यही सोचकर ध्रुव ने एक बार फिर से प्रस्तर को किक मारी।
प्रस्तर पर तो कोई असर नहीं हुआ पर इस बार ध्रुव के मुंह से हलकी सी चीख निकल गयी। शायद ध्रुव ऋचा को बचाने में नाकाम होने वाला था।
(जब प्रस्तर अपना बचाव करा है तो वो चट्टानों से हमला नहीं करा यानी वो बचाव और हमला एक साथ नहीं कर सकता )
ध्रुव ने मन में सोचा।
अब ध्रुव को प्रस्तर की इसी कमजोरी का फायदा उठाना था। ध्रुव प्रस्तर के वारों को बचाता हुआ अपनी बाइक स्टार्ट कर दी। शायद वो रिचा को इस लड़ाई से दूर करना चाहता था।
"भाग कहाँ रहा है?कितना सुना है तेरे बारे में पर तू तो भगोड़ा निकला। मैं तेरा पीछा यमलोक तक नहीं छोड़ने वाला।", ये बोलकर प्रस्तर भी ध्रुव का पीछा करने लगा।
लगातार हो रहे वारों से ध्रुव की बाइक का पिछला पहिया बाइक से टूटकर अलग हो गया। कुछ ही पलों के बाद ध्रुव प्रस्तर के सामने निहत्था खड़ा था एक निश्चित मौत के इन्तेजार में।
पर ध्रुव को शायद मौत मंजूर नहीं थी क्योंकि उसके साथ ऋचा की भी जिन्दगी जुडी हुई थी।
उसके शक्तिशाली बाजुओं ने बाइक का फ्यूल टैंक उखाड़ लिया।
ध्रुव ने फ्यूल टैंक को प्रस्तर की ओर फेंक दिया और प्रस्तर ने उस फ्यूल टैंक से बचने के लिए उस पर पत्थरों की बारिश कर दी। पत्थरों के टकराने से फ्यूल टैंक फट गया और एक जोरदार धमाका हुआ। उस धमाके के असर से प्रस्तर और ध्रुव दोनो का शरीर हवा में उड़ गया। पहाड़ी क्षेत्र होने के वजह से सडक के किनारे 200 फीट की गहरी खायी थी और ध्रुव और प्रस्तर तेजी से उस खाई में गिरने लगे।
ध्रुव को तो उभरी हुई चट्टान का एक किनारा मिल गया था और उसमे उसने स्टार लाइन फंसा दी पर प्रस्तर अपनी जान तभी बचा सकता था जब वो अपने शरीर को कठोर कर ले और यदि वो ऐसा करता तो वो ध्रुव पर वार नहीं कर पाता। प्रस्तर ने अपनी जान से ज्यादा महत्त्व अपने मकसद को दिया और उस चट्टान पर अपना आखिरी वार किया जिस चट्टान से ध्रुव लटका हुआ था। प्रस्तर का शरीर जमीन से जा टकराया और टकराकर गायब हो गया।
ध्रुव एक बार फिर नीचे गिरने लगा।अब ध्रुव को कोई करिश्मा ही बचा सकता था।
और करिश्मा हुआ। और अचानक से उसने खुद की हवा में उड़ता हुआ महसूस किया।
"मुझे मिस किया", ब्लैक कैट ने ध्रुव की ओर मुस्कुराते हुए देखा।
"तुम यहाँ कैसे पहुँची?"
"कितनी बार कहा है ये सवाल मत पूछो। काली बिल्ली कभी भी रास्ता काट जाती है।"
"Oh so sorry.... Thanks"- ध्रुव हकलाते हुए बोला।
"ओह..सो सॉरी..वैसे मुझे तुम्हारी बात सुनाई नहीं दिया पर थैंक यू"
"No thanks and sorry in friendship और तुमने तो दोनों बोल दिए।"
"एक्चुअली मैं यहीं से गुजर रही थी तो मुझे लगा तुम्हे मेरी हेल्प की जरूरत पड़े एंड आई वाज राईट। तभी मैंने तुम्हारु कबाड़ा बाइक से स्टार लाइन निकाली और तुम्हे पकड़ लिया"
"चलो अच्छा है। मेरा काम खत्म हुआ।.... now I go ba bye" ये बोलकर ब्लैककैट गायब हो गयी।
"Oh Shit ..इस सब के चक्कर में ऋचा को तो भूल गया पता नहीं कैसी होगी वो", ध्रुव ने शू स्केट्स निकाले और तेजी से बेहोश ऋचा के पास पहुंचा जहां वो बेहोश पड़ी थी।
(ब्लैककैट वहां पहुँच कर ऋचा के रूप में बेहोश होने का नाटक कर रही थी)
"Richa..Please wake up"-ध्रुव ने उसका पूरा शरीर हिला डाला।
"तुम थोडा प्यार से नही उठा सकते हो... आह....और आज के बाद तुम बैलगाड़ी पर भी लॉन्ग ड्राइव लेकर जाओ तो मैं नहीं जाने वाली", ऋचा ने आँखें खोलते हुए कहा।
"थैंकगॉड तुम्हे होश आ गया", ध्रुव ने रिचा को कसकर गले लगा लिया।
To be continued.........
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बहुत बढ़िया निशांत भाई
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