शहरी कोबी- अमन कुमार
¤¤¤¤¤¤¤¤¤शहरी कोबी¤¤¤¤¤¤¤¤¤
कोबी एक साल शहर
मेँ रहकर वापस जंगल मेँ आया है।अब क्या होगा?
कोबी एक साल शहर
मेँ रहकर वापस असम के जंगलोँ मेँ आ गया है।कोबी के शहर जाने का कारण-अरे जेन उसे
चिढ़ाती थी कि वह एक जंगली जानवर है तो कोबी को भी ताव आ गया कि वह भी शहर मेँ
रहकर वहाँ के तौर तरीके सिखकर जेन को दिखाएगा कि वह जंगली जानवर नहीँ है बल्कि एक
हैँडसम शहरी है।बस इसलिए वह शहर मेँ आ गया था और एक साल बाद वापस जंगल की और मसाबा
की याद आने पर वापस आ गया था।
SCENE-कोबी सूट-बूट
पहना हुआ है।आँखोँ पर चश्मा और सिर पर टोपी है।और एक बैग पिछे लटकाए हुए है।जिसमेँ
फैन्सी कपड़े और कुछ सामान है।
जंगली कोबी को गौर
से देख रहे थे पर दूर से।कोबी उन्हेँ देख रहा था।
कोबी-डर्टी पिपुल,
कैसा बदबु मेँ रह रहा है याक्।
तभी मसाबा वहाँ आती
है और कोबी के गले लगती है।
कोबी मसाबा को
देखकर खुश हो जाता है ।
कोबी-मैँ कैसा लग
रहा हुँ?हैँडसम ना उस जंगली भेड़िया से।
मसाबा-हैँडसम क्या
होता है?
कोबी-हो हो हो तुझे
हैँडसम का मतलब नहीँ पता हो हो हो हैँडसम का मतलब होता है सुन्दर।मैँ भेड़िया से
ज्यादा हैँडसम दिख रहा हुँ ना।
मसाबा-हाँ, अब मुझे
झूला झुलाओ।
कोबी-अभी मैँ जेन
से मिलने जा रहा हुँ।उसे दिखाना है कि मैँ भेड़िया से ज्यादा हैँडसम हुँ।चेहरे की
थोड़ी मालिश कर ली जाए और बालोँ मेँ जेल लगा लुँ ही ही ही।
NEXT SCENE-
कोबी जेन को खोजता
हुआ आगे बढ़ रहा था।एक जगह पर जेन को भेड़िया उठाकर घुम रहा था।कोबी ये देखकर
गुस्से से आगबबुला हो गया।कोबी वहाँ पर जाता है और भेड़िया के मुँह पर एक जोरदार
मुक्का मारता है।
कोबी-अपनी भाभी को
गोद मेँ उठाकर घुमता है।शर्म नहीँ आती अपने बड़े भाई की पत्नी को घुमाते हुए।बाल
तो ऐसे कर रखा है जैसे चिड़ियोँ का घोँसला हो मेरे बाल देख एकदम मुलायम और चमकीले।काम-धाम
तो है नहीँ जब देखो मार-पीट करना है नहीँ तो मेरी पत्नी के आगे पीछे घुमना।एक काम
कर मेरे लिए जरा फल लेता आ घबरा मत काम के दाम भी दूँगा।तेरे जैसा भीखमँगा नहीँ
हुँ।अब जा जल्दी कामचोर।
भेड़िया
हक्का-बक्का कोबी को देख रहा था।
कोबी(जेन की तरफ
देखकर)-और तू दगाबाज,बेवफा मैँ जरा शहर घुमने क्या चला गया तु भेड़िया के साथ इश्क
फरमाने लगी।धोखेबाज(कोबी बहुत देर तक जेन को खरी-खोटी सुनाता रहा जब तक उसका
गुस्सा खत्म ना हुआ)
थोड़ी देर बाद-
कोबी-अच्छा मैँ
कैसा लग रहा हुँ उस भेड़िया से ज्यादा हैँडसम ना(आँखे मटका कर)
जेन-ह....हाँ
हाँ।(कोबी को सूट-बूट मेँ देखकर जेन हैरान थी।वैसे भी अगर वह ऐसा ना कहती तो कोबी
फिर उसे बोलता)
कोबी-चलो इस बात पर
मेरा गुस्सा खत्म।
अब मैँ जा रहा हुँ
बुढ्ढे ठुड्डे के पास। पर पहले थोड़ा क्रीम लगा लिया जाए चेहरे पर।
NEXT SCENE
कोबी फुजो के झोपड़ी
के पास पहुँचा जहाँ फुजो एक जँगली के घावोँ पर लेप लगा रहा था।
कोबी-रुक बुढ्ढे
ठुड्डे जानता है तेरा ये लेप लगाने से शरीर मेँ कितनी जलन होती है इससे अच्छा तो
ये दवाइयाँ और क्रीम है जिन्हेँ घाव पर लगाने पर कितना आराम मिलता है।और कोबी
जबरदस्ती उस जंगली के घावोँ पर क्रिम मल
देता है।
फुजो-देखो कोबी तुम
सही नहीँ कर रहे।
कोबी-अबे जा बुढ्ढे
ठुड्डे जँगलियोँ को बेवकूफ बनाता है।जानबूझकर उन्हेँ कड़वे लेप लगाता है जिससे
उन्हेँ जलन होता है।अब तेरी दादागिरी कोबी के रहते नहीँ चलेगी।अब कोबी सभी
जँगलियोँ का उपचार करेगा।देवता का फर्ज निभाएगा।मैँ अभी अपने भेड़िया फौज को
बुलाकर उन नमकहरामोँ से यह बात पूरे जंगल मेँ फैलाता हुँ।
अगले ही पल कोबी
गल्ला फाड़कर चिल्लाता है-
चले आओ,चले आओ मेरे
भेड़िया फौज के हरामखोर सिपाहियोँ।
थोड़ी देर मेँ सभी
भेड़िये आकर कोबी को घेर लेते है।
कोबी-याक् छी-छी
कितनी गन्दी महक है हरामखोरोँ। कितनी गन्दी बदबु आ रही है तुममेँ से। जाओ पहले नदी
मेँ से नहाकर आओ।
भेड़ियेँ-हमने तो
आज ही गन्दी नदी के पानी मेँ लोट-लोटकर डुबकी लगाई है।वहाँ का पानी मेँ हमेँ मरी
मछलियाँ,जानवरोँ के शव भी मिल जाते है।कहिए तो आपके लिए भी लेते आए।
कोबी-हरामखोरो जाओ
और जाकर साफ पानी मेँ नहाकर आओ।सेँट झिड़क लु नहीँ तो बदबु से मेँ पागल हो
जाउँगा।उफ थक गया अब आराम कर लुँ।रात भी होने वाली है।पर आराम कहाँ करुँ।मैँने तो
घर ही नहीँ बनाया।हाँ एक जगह है जहाँ मैँ रह सकता हुँ।
NEXT SCENE
कोबी पुराने किले
मेँ पहुँचता है और वहाँ जाकर भेड़िया के एक लात जमाता है।
कोबी-उठ चल परे
हट।ओये घूर क्या रहा है मैँ तेरा बड़ा भाई हुँ और इस नाते इस जगह पर पहले मेरा
अधिकार है।चल अब दफा हो जा।
भेड़िया लड़ाई के
मूड मेँ नहीँ था इसलिए चुपचाप चला गया।
इधर गर्मी के कारण
कोबी को नीँद नहीँ आ रही थी वह बार-2 करवट बदल रहा था।
कोबी-कितना गर्मी
है।शहर मेँ बढिया था एसी और कुलर का हवा कितना अच्छा था।मुझे वापस शहर चले जाना
चाहिए।
पर अगले ही कोबी ने
अपना विचार बदल लिया।
कोबी-नहीँ नहीँ अगर
मैँ शहर चला गया तो वह बेशर्म भेड़िया फिर जेन को गोद मेँ उठाए जँगल मेँ घूमेगा और
वह बुढ्ढा फुजो मेरी प्रजा को अपना खुजली वाला दवा लगाएगा।नहीँ मुझे यहीँ रहना
पड़ेगा।बेटे कोबी दुबारा यहीँ की आदत डालनी पड़ेगी तुझे।
¤¤¤¤¤¤¤THE
END¤¤¤¤¤¤¤
Post a Comment: