मिस्टर हैकर - ऋषित तिवारी
ऋषित तिवारी
कभी कभी ज़िंदगी हमें ऐसे मोड पर लाकर खडा कर देती है , जहाँ से हम वापस तो बेशक जा सकते हैं पर हम सब कुछ शुरुआत से शुरू करने पर मजबूर हो जाते हैं |
ऐसा ही कुछ राजनगर की आंखोँ के तारे सुपर कमान्डो ध्रुव के साथ भी घटा | जिसने उसके साथ साथ पूरे राजनगर की किस्मत पर मानो ग्रहण सा लगा दिया हो |
चिलखती धूप और बेजवजह के होर्न्स किसी का भी दिमाग कर देने के लिए काफ़ी होते हैं , जी हाँ … किसी का भी |
फिर भले ही वो कोई सुपर कमान्डो ही क्यूँ ना हो | है तो वो भी आखिरकार एक इंसान ही| काफ़ी देर से पाँच की स्पीड पर एक ही ट्रक के पीछे चलते चलते ध्रुव अब पूरी तरह से झुँझला चुका था|
आखिरकार वो अपना गला फाड़ कर चिल्ला ही उठा , अरे भाई अगर ऐसे ही चलना है , तो ये ट्रक बेचकर एक बैलगाडी क्यूँ नही खरीद लेते|
अचानक ही हेल्पर ने खिड़की से बाहर मुँह निकाला और वापस चिल्लाकर बोला,
देखो भाई अगर इतनी ही जल्दी है तो ये मोटर साइकिल बेचकर अपना खुद का हवाई जहाज काहे नी खरीद लेते |
बस इतना ही सुनना था कि इधर ध्रुव का दिमाग घूमा और उधर उसकी कलाई एक्सेलेरेटर पर |
साइड में जगह कम होते हुए भी उसने अपनी निंजा वहाँ से ऐसे निकाली मानो जैसे उसने अभी होलीवुड फ़िल्म का कोई खतरनाक एक्शन सीन किया हो |
वाकइ में आस पास के लोगों की आंखेँ आश्चर्य से पूरी तरह भर चुकी थी |
ध्रुव अभी मुश्किल से पाँच सौ मीटर ही चला होगा , पर कौन जानता था कि ये पाँच सौ मीटर शायद उस मानवता के रक्षक की ज़िंदगी के आखिरी पाँच सौ मीटर साबित हो सकते हैं |
अचानक की ध्रुव को कुछ अजीब सा महसूस हुआ , और जैसे ही उसने पीछे गर्दन घुमाकर देखा , तो उसके दिमाग को ऐसा जोरदार झटका लगा मानो कि उसने हज़ार वोल्ट का तार छू लिया हो |
पीछे दूर दूर तक कोई भी दिखाई नही पड रहा था , दूर दूर तक सिर्फ बंजर जमीन और रेत के बडे बडे टीले दिखाई पड रहे थे !
जहाँ पर अभी सिर्फ एक मिनिट पहले भरी मार्कीट थी , वहाँ अब मार्स ग्रह जैसा सुनसान नज़ारा दिखाई पड रहा था |
पत्थर सा जड हो चुका ध्रुव जैसे ही आगे की ओर पलटा , तो शायद ही अब उसमे कुछ ज़िंदा रहने के लिए बचा हो , क्योंकि आगे का नज़ारा उसे पूरा मार देने के लिए काफ़ी था |
सामने से फुल स्पीड पर आ रही ट्रेन को देखकर वो लगभग मर ही चुका था |
ओओओओओ ………
ओह्ह माइ गोड़ …
व्हाट द हैल इस दिस ……
ध्रुव का हाथ बिजली की रफ्तार से बाइक का हैंडल लेफ्ट की तरफ़ घुमाता चला गया ……
कुछ ही पलों बाद ध्रुव बेसुध खून से लथपथ अपनी बाइक से कोई पंद्रह बीस मीटर दूर पडा था |
और उसकी बाइक की हालत ये सब बताने के लिए काफ़ी थी कि ये सब कुछ कितना भयानक हुआ होगा |
चंद सेकंड्स बाद ही ट्रेन के गुज़र जाने के बाद वो जगह पूरी तरह से धूल और रेत से भर चुकी थी |
उसके पार कुछ भी देख पाना लगभग असंभव ही था | पर एक आकृति थी जो उस धूल के गुबार को चीरकर पल दर पल बडी होती जा रही थी |
और सीधा ध्रुव के पास आकर उसका सफ़र खत्म हुआ……
कैसे हैं मिस्टर ध्रुव मेहरा |
एक जानी पहचानी आवाज़ ने अचानक से ध्रुव को मानो होश में ला दिया हो …
मगर मौत और समय कभी किसी का इंतज़ार नहीं करते…
जैसे ही ध्रुव पलटा एकाएक चार गोलियाँ उसके जिस्म को भेद चुकी थी …
आआआआआह्ह्ह्ह……
ध्रुव चिल्लाया जरूर मगर उसने अपने आपको कहीं और ही पाया |
कमान्डो हेडक्वार्टर्स-
क्या हुआ कैप्टेन कोई बुरा सपना देखा क्या ……
करीम ध्रुव के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला…
न… नहीं तो करीम , तुम्हे ऐसा क्यूँ लगा |
ये बोलते ही जैसे ही ध्रुव वापस मुडा तो कुछ कहने के लिए उसकी ज़बान उठ ही नही रही थी ……
वही गोलियों से छलनी उसका शरीर जमीन पर उल्टा जा पडा था…
चारों तरफ़ वही बंजर नज़ारा……!!
सोरी मिस्टर ध्रुव, सी यू इन नेक्स्ट बर्थ……
हाहाहाहा……
" रेणु ......, पीटर ,.....जल्दी दोनों यहाँ आओ । (हे अल्लाह कहीं कुछ अनर्थ ना हो गया हो , रहम करना खुदा) । " करीम चिल्लाया.....
"क्या हुआ करीम सब ठीक तो है ना " । रेणु ने आते ही हड़बड़ाहट में पूछा ।
"म...मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा रेणु , पता नहीं क्यूँ पर मुझे अभी ऐसा लगा कि कैप्टेन यहां थे , यहीं बालकॉनी में ....
और वो बहुत ज़ोर से चीखे भी ...."
"ह ह ह ह ..... ओ मेरे भाई ...
तू एक काम कर जा कर कुछ देर सो ले....
तुझे पता भी है कि कैप्टेन पिछले तीन दिनों से शहर से बाहर हैं ....."
पीटर हँसते हुए करीम के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला ।
"ओह् जस्ट शट अप पीटर....
तुम्हे पता है न कि मैं कभी मज़ाक नहीं करता...
और खासकर अगर किसी की जान का सवाल हो, तो तो बिलकुल भी नहीं.... "
करीम पीटर पर झल्लाया ।
"करीम को देखकर लगता है कि ये बिलकुल सच बोल रहा है ....हमें इसकी बात का विश्वास करना चाहिए पीटर ..."
रेणु अपना पक्ष रखते हुए बोली ।
पीं ..पीं ..पीं ..पीं ..पीं.....
मेन कंप्यूटर सिस्टम पर नए मैसेज की बीप बजते ही तीनों उस और दौड़ पड़े ।
हे अल्लाह ये क्या , ये तो कैप्टेन का ऑडियो मैसेज है ...
अ.. आअह्ह ..म..... म....मेरी बात ध्यान से स....सुनो कैडेट्स ....
फिर ध्रुव ने जो कुछ भी कहा वो वहाँ मौजूद सबकी आँखें बड़ी कर देने के लिए काफी था ।
"इसका मतलब मेरा वो अहसास गलत नहीं था ," करीम गला भरकर बोला ....
कैप्टेन सचमुच मुसीबत में हैं कैडेट्स .....
कम ऑन गाइज़ .... लेट्स हेल्प दैम आउट...
मूव... क्विक .....
आखिर ये सब क्या था ...
अगर ध्रुव सचमुच मर चुका था तो ये मैसेज किसका था ....
कहीं ये सही में ध्रुव का ही तो सन्देश नहीं था ....
या फिर कोई बहुत बड़ी साजिश रची जा रही थी ।
और अब आज के मुख्य समाचार .....
महेश्वरी नगर से लौटते समय राजनगर के जंगलों के पास शहर के रक्षक.... और लोगों के सुपर हीरो सुपर कमांडो ध्रुव को मृत पाया गया ......
सूत्रों के मुताबिक ,
हादसे की वजह सड़क दुर्घटना को माना जा रहा हैं....
इसी के चलते शहर में मानो मातम सा छा गया हो....
और अब चलते हैं खेल खबरों की ओर....
आर सी बी के विस्फोटक बल्लेबाज ए बी डी विलियर्स ने जड़ा जोरदार शतक
टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलीयम्स.....
आं हा हु हु हु
हआआआआ ह्हह......
भैयाआआआ....
क्यूँ आप मुझे अकेला छोड़ कर चले गए ......
आपसे पहले मुझे मौत आ जानी थी ......
मैं आपके बिना जी कर क्या करुँगी ......
उन्नन्न हु हु हु हु ......
क्या........(धड़ाम)...
माँआआआ ......
उठो माँ उठो..... आँखें खोलो माँ.....
श्वेता रोते हुए चिल्लाई ।
अरे कोई डॉक्टर को फ़ोन करो .......
जल्दीईईई.....
माँ....... माँ उठो ......
आँखें खोलो मम्मी .......
(सुबुक)......
हाँ ..मिस्टर राजन जी बात कर रहे हैं ,
जी ....बोल रहा हूँ ...कहिये। राजन मेहरा ने उत्तर दिया ..
लेकिन आगे जो कुछ भी उन्होंने सुना .....
उसके बाद ना तो वो कुछ बोलने की हालत में रहे और ना सुनने की .....
क्या.......
ये तुम क्या बकवास किये जा रहे हो ...
मि. राजन भड़के.....
(जी मैं समझ सकता हूँ क़ि अपनी औलाद के चले जाने पर.. माँ बाप पे क्या गुजरती है , पर सच्चाई यही है ,राजन जी )
घुटनों के बल बैठकर जी भरकर रोये राजन मेहरा.....
और फिर.....
(सुबुक).... इंस्पेक्टर विक्रम ....
आठ सिपाहियों की टीम बनाकर तुरंत घटनास्थल पर पहुँचो .......
अभी..... इसी वक़्त.....
राजवीर .......जीप निकालो ....।
ममता और इंतकाम की आग में जलता राजन मेहरा.....
निकल पड़ा था अपने बेटे की मौत का बदला लेने....
इधर राजनगर में कहीं ....
1. हाहाहाहा हाहा......
सालों बाद आज मेरे दिल
को ठंडक पहुंची है .....
"आज मैं एक बियर ज्यादा तो ऐसे ही ख़ुशी ख़ुशी में पी जाऊँगा ....."
2. "बियर तो चाहे तू एक छोड़ चार पी ले मेरे बच्चे , पर तू श्योर तो है ना ..... मेरा मतलब तूने उसे ...अपनी आँखों से देखा है ना दम तोड़ते हुए...."
1. "हं.... हाँ हाँ ......
ये आप क्या बेहूदा सवाल पूछ रहे हैं मुझसे ....."
2. "ओये ....हीरो.....ध्यान से सुन ले.....
ये तेरी पहली बदतमीज़ी है इसलिए छोड़ दे रहा हूँ ......आगे से अगर मुझसे इस तरह बात कि तो .......
1. जी ....... बि....बिलकुल नहीं ....नहीं ...
2. गुड.... आगे से ध्यान रखना .......
3. क्या बातें कर रहे हो तुम दोनों .....
2. न .... नहीं ... ना .... बस ऐसे ही .....
आपसी बातचीत.....
3. हुम्म ...... ठीक है.... कोई बात नहीं...
"क्यों लड़के .......कैसा लग रहा है ..अपने सबसे बड़े दुश्मन से बदला लेकर .."
"जी ..... बहुत अच्छा......बहुत ज्यादा अच्छा ...."
"हुम्म .. चल बहुत बढ़िया ....
पर अब जो हम कहेंगे .......वो तू करेगा"
करेगा ना ..."
"बिल्कुल करूँगा ......
क्यों नही करूँगा भला .....
आखिर आप लोग तो मेरे लिए फ़रिश्ते के सामान हो...."
"वैसे करना क्या है ...."
" हैकिंग ......." "कर लेगा ना".....
"जी बिलकुल कर लूँगा .....
आप भी खूब मज़ाक कर लेते हैं ....
"हैकिंग तो मेरे खून में है ......
आखिर मेरा नाम .......
" हैकर "
जो है.....। "
आखिर कार ये तो स्पष्ट था कि ध्रुव की हत्या के पीछे ये हैकर नामक जो कोई भी था , इसी का हाथ था ।
लेकिन इन हाथों को सहारा कौन दो हाथ दे रहे थे ......
ये अभी भी एक रहस्य बना हुआ था ....
कमांडो हेडक्वार्टर्स.....
" डॉक्टर अब कैसी है कैप्टेन की तबियत..."
"देखिये अभी कुछ ख़ास सुधार नहीं आया है..."
"लेकिन अब वो खतरे से बाहर हैं ".....
"बट नन ऑफ़ यू काण्ट मीट देम ...."
इट्स आल राईट , बाय द वे ,
थैंक्स डॉक्टर...
ये किसकी बात हो रही थी यहाँ .....??
क्या ध्रुव सचमुच ज़िंदा है ,
और कौन था वो हैकर .......
और उसके बाकी दो खतरनाक साजिशकर्ता मित्र.....
क्यों पड़े हैं आखिर ये उस निर्दोष के पीछे ....
आखिर क्या था उस वीरान जगह का रहस्य, जो अभी तक सिर्फ ध्रुव के सीने में ही दफ़्न था .....
क्या वो कोई शत प्रतिशत सत्य था .....
या फिर सिर्फ राजनगर के चहेते को मौत देने के लिए रचा गया एक छलावा ......
उधर महेश्वरीनगर और राजनगर के जंगलों के बीच ....
सुनो, " क्या तुमने उधर चेक किया विक्रम , वहां शायद कुछ मिल जाए"
सी ओ ने इंस्पेक्टर से पूछा ।
"हम वहाँ पहले ही देख चुके हैं सर ,
वहाँ पर कुछ भी नहीं है" ।
विक्रम का उत्तर आया ।
"हम्म , .......
ठीक है ध्रुव की बाइक को पुलिस स्टेशन ले चलो "
और बाकी टीम मेरे साथ चलो, हमें अभी और भी काफी तहकीकात करनी है"
सी ओ जल्दबाजी में बोले ।
इधर पुलिस अपनी छानबीन में जुटी हुई थी ....
और उधर जिसकी मौत के केस में ये सब ट्राउल हो रहा था ...
वो कहीं और ही अपनी ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ रहा था ...
कमांडो हेडक्वार्टर्स.. 11:20 AM
"इन्हें होश कब तक आएगा डॉक्टर...."
करीम ने डॉक्टर से पूछा ।
डॉक्टर - "मे बी ..आज शाम तक इन्हें होश आ जाना चाहिए ...."
करीम - "जी अच्छा "
डॉक्टर - " ह्म्म.. ठीक है अब मैं चलता हूँ , शाम को फिर आऊंगा चेक अप के लिए
इनका ध्यान रखिएगा "
करीम - " आप फ़िक्र न करें डॉक्टर,
मैं इनका पूरा ख़याल रखूँगा "
डॉक्टर - " ठीक है कैडेट करीम ,
अब इजाज़त दीजिये "
करीम - "आइये डॉक्टर साहब , मैं आपको बाहर तक छोड़ देता हूँ ।
एंड ,बाय द वे , थैंक्स यू सो मच डॉक्टर..
कैप्टेन का इलाज इस तरह गुपचुप तरीके से करने के लिए ।
वरना अगर पुलिस केस बन जाता तो मुसीबत हो जाती ...
क्योंकि जिस किसी ने भी कैप्टेन का
ये हाल किया है ,
फिर वो दुबारा भी हमले की कोशिश जरूर करता ..
और जो कैप्टेन का ये हाल कर सकता है ,
वो अपने दूसरे एटेम्पट में कुछ भी कर सकता था ।
इसीलिए कैप्टेन को यहां हेडक्वार्टर्स
में रखकर इनका इलाज करवाना हम लोगों ने ज्यादा ठीक समझा ।
डॉक्टर - "आपने बिलकुल ठीक किया मि. करीम
यहां ये पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं ,
और बहुत जल्द ठीक भी हो जाएंगे"।
फिर...
हेडक्वार्टर्स के सीक्रेट चैम्बर में-
"रेणु , पीटर .. अल्लाह से दुआ करो कि कैप्टन जल्द से जल्द ठीक हो जाएँ ।
ताकि हम उस कमीने हमलावर को जल्द से जल्द ढूंढकर , कुत्ते की मौत मार सकें..."
कहते हुए करीम की आँखें गुस्से और बदले से लाल हो चुकी थी ।
हम दोनों को भी बस इसी चीज़ का इंतज़ार है , कैडेट ...
पीटर धीमी मगर सख्त आवाज़ में बोला ।
At Hacker's hideout ..12:05 PM
और अब चलते हैं आज की मुख्य खबर की ओर ...
( राजनगर के सुपरहीरो , सुपर कमांडो ध्रुव के साथ हुए हादसे के मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है ....
पुलिस का कहना है कि अभी तक उनके हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं लगा है ...जिससे ये साबित हो सके
कि ये कोई सचमुच एक हादसा ही था ...या फिर किसी की पूरी सोची समझी साजिश । हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी कहना लगभग मुमकिन नहीं है । )
( अब चलते हैं राजनगर की एक और बड़ी खबर की ओर ...
पिछले महीने जेल से फरार हुआ शातिर कैदी... और स्मार्ट साइबर चोर " हैकर" अभी भी पुलिस की पहुँच से बाहर है ,
पुलिस का दावा है की उसे पकड़ने के लिए.. हर संभव कोशिश की जा रही है ..
और वो शातिर चोर .. जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा ।
अब ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा कि पुलिस के दावों में कितनी सच्चाई है और कितनी दावेबाजी । )
खबर को सुनकर हैकर के चेहरे पर खेल चुकी थी वो शैतानी मुस्कान, जिसकी सज़ा अभी पुलिस और राजनगर की जनता दोनों को मिलनी थी ..।
" हा हा हा ....
च्च्च्च् च्च्च्च् ....बेचारे पुलिसवाले ...
तुम लोग अपनी कितनी भी घिसा लो, बट हैकर इस नॉट आ थिंग टू बी कॉट ...
माइंड इट .. यू फूल्स ..।
अर्रर्रघघ्घ..."
1. सुनो,
अब समय आ गया है कि तुम हमारा भी काम पूरा कर दो...
समझ गए ना..
हैकर - जी समझ गया
2. चलो फिर ठीक है , अब तुम अपने काम पर लग जाओ..
हैकर - जी ... काम तो मैं आपका कर दूंगा ...
पर....
1. पर क्या ?
हैकर - पर ..मेरा लैपटॉप ..
मेरा लैपटॉप ठीक से काम नहीं कर रहा है..
1. हा हा हा हा हा ...मुझे पता था कि तुम ऐसा ही कोई बहाना बनाओगे...
इसलिए मैंने इसका भी इलाज़ पहले
ही करके रखा है ..
ये लो तुम्हारा नया हाई- टेक लैपटॉप ।
अब फटाफट काम को अंजाम दो ।
हैकर - बताइये , किसका और कितना अमाउंट हैक करना है ।
2. ये भी कोई पूछने वाली बात है , बच्चे..
जस्ट डू मैक्सिम , हाउ मच यू कैन डू...
हैकर - ओके ..
लेट्स स्टार्ट ...
नाम- अमित पटेल ,
अकाउंट नंबर - 1365837453466
अमाउंट - 3 , 97 , 113 रु /-
उसके बाद हैकर की उंगलियां तेज़ी से कीबोर्ड पर इधर उधर दौड़ने लगी ।
और कंप्यूटर की स्क्रीन पर लोडिंग का प्रोसेस कंप्लीट होते ही उस व्यक्ति की खून पसीने की कमाई का पैसा .. उन दो लोगों के अकाउंट में तेज़ी से ट्रान्सफर होने लगा ।
उसके बाद हैकर ने एक के बाद एक आठ और लोगों की जमा पूंजी का सत्यानाश कर दिया ।
हैकर - ये लीजिये , आपका काम हो गया ।
अब .....मेरा .... हिस्सा ।
1. घबराओ मत , हम लोग पापी जरूर हैं , पर बेईमान कतई नहीं ।
इस सारे अमाउंट में से पांच प्रतिशत
तुम रख सकते हो ...
हैकर का चेहरा ताज़े गुलाब की तरह खिलता चला गया ।
और उसके हाथ एक बार फिर लैपटॉप के कीबोर्ड पर अपना कमाल दिखाने लगे ।
कुछ घंटों बाद,
(ताज़ा सूत्रों से पता चला है कि आज सुबह सुबह राजनगर में किसी ने नेशनल बैंक के सर्वर्स को हैक करके लगभग नौ एकाउंट्स से आम जनता का तकरीबन चौंतीस लाख रुपया साफ़ कर दिया है ।
घटना से बैंक में, और जनता में आक्रोश मच गया है ।
लोग बैंक से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं और सैंकड़ों की संख्या में बैंक के सामने धरने पर बैठे हैं ।
पुलिस का कहना है , कि ये जरूर उस शातिर साइबर अपराधी हैकर का ही काम हैं ।
उन्होंने जनता को आश्वाशन दिया है कि सभी को बहुत जल्द उनका पैसा वापस मिल जाएगा ।
अब तो ये आने वाला वक़्त ही बताएगा कि पुलिस के दावों में कितनी सच्चाई है ।
श्रुति तिवारी,
राजनगर,
आज तक । )
उधर , पुलिस हेडक्वार्टर्स में ..
1 : 49 PM
कमिश्नर राजन - " घटनास्थल से कुछ पता चला इंस्पेक्टर ।
इंस्पेक्टर - " जी नहीं सर , अभी कुछ भी हाथ नहीं लगा है ।
राजन - " आप अपनी छानबीन जारी रखियेगा इंस्पेक्टर " ।
इंस्पेक्टर - " जी सर । "
इसी तरह घंटे बीते , दिन बीते , फिर हफ्ते
और आखिकार महीनें ...
तीन महीनें बाद ...
कमांडो हेडक्वार्टर्स 8:10 AM..
"अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं , कैप्टन " ।
पीटर ने मुस्कुराकर पूछा ।
और आखिरकार , वो आवाज सुनाई पड़ी , जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था ।
" काफी अच्छा महसूस कर रहा हूँ, कैडेट ।
एंड , बाय द वे ..
थैंक्स टू ऑल ऑफ़ यू ।
फॉर टेक केयर ऑफ़ मी ।
"ये आप कैसी बात कर रहे हैं , कैप्टन ।
अगर हम लोग मुसीबत में भी आपके काम नहीं आते , तो फिर कौन आता ।"
करीम ने आराम से ध्रुव के हाथ पर हाथ रखकर कहा ।
"तैयार हो जाओ कैडेट्स ,
अब टाइम आ गया है उस चूहे के लिए चूहेदानी तैयार करने का , और उसे कैद करके बहुत दूर छोड़ आने का ।
जहां से वो कभी वापस ना आ पाये..
और फिर दोबारा कभी किसी के साथ ऐसा ना कर सके ।
आर यू रेडी गाइज़ .."
ध्रुव बेड से उठ खड़ा हुआ ,
और कड़कदार आवाज में आँखों में अंगारे भरते हुए बोला ।
जी , कैप्टन ।
करीम , रेणु और पीटर तीनों ने एक सुर में उत्तर दिया ।
उसके बाद सब अपने अपने काम में तेज़ी से जुट गए ।
पीटर बाइक लेकर हेडक्वार्टर्स से बाहर जानकारी जुटाने निकला ,
तो रेणु एक पेंसिल और कोरा कागज़ लेकर कोई नक्शा तैयार करने में जुट चुकी थी ।
करीम पहुँच चुका था अपने कंप्यूटर की ओर,
और , ध्रुव ..वो लग चुका था उस चीज का पता लगाने , जो अभी भी एक रहस्य ही थी ।
अब समय था झूठ को पर्दाफाश करने का ,
रहस्यों को सब के सामने उजागर करने का ,
और उन तीन चेहरों को दुनिया के सामने बेनकाब करने का ।
There..
At Hacker's hideout... 9:10 AM
"चोरी का एक लेवल तो हम पार कर चुके , अब थोडा एडवांस्ड होने की जरूरत है ।"
हैकर की आवाज में शैतानियत साफ़ तौर पर झलक रही थी ।
ये...ये क्या हो रहा है ।
ये कोड ..डिकोड करने में एरर क्यों दिखा रहा है ।
और ये अकाउंट की विंडो भी अचानक बंद क्यूँ हो गयी ।
कुछ तो गड़बड़ है ।
मुझे पता लगाना ही होगा ...
1. "क्या हुआ मि. हैकर ,
कोई समस्या है क्या ?
मैं कुछ मदद करूँ ।"
हैकर - " पता नहीं , पर कुछ तो गड़बड़ जरूर है ...
शायद कोई हमारा सर्वर हैक करने की कोशिश कर रहा है ।'
2. "क्या..!!!
हैकिंग और वो भी हैकर के सिस्टम पर ।
व्हाट नॉनसेंस "।
हैकर - आप मानें या ना मानें , पर मैं मज़ाक बिलकुल नहीं कर रहा हूँ ।
2. "दिखाओ , शायद मैं कुछ कर सकूँ ।"
उधर..
Commando Headquarters
11:05 AM ..
"यस.. डन इट.."
करीम ख़ुशी के मारे चिल्ला कर अपनी कुर्सी से उछल पड़ा ।
"क्या हुआ करीम ,
हो गया क्या ? "
रेणु ने उत्सुकता से पूछा ।
"कोई शक ।"
करीम ने पूरे आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया ।
रेणु - " चलो अच्छा है, मेरा मैप भी लगभग 99 % पूरा हो चुका है ।"
कहीं पर चालें चली जा रही थी , तो कहीं पर उन्हें नाकाम भी किया जा रहा था ।
अब देखना ये था , कि चाल चलने वाले सफल होने थे ,
या फिर उन्हें रोकने वाले ।
तभी ,
"क्या रिपोर्ट्स हैं करीम ?"
ध्रुव ने पूछा ।
"कैप्टन ,तीन महीनें पहले जिस सर्वर से नेशनल बैंक में चोरी हुई थी , मैंने उसका आई पी एड्रेस ट्रेस कर उसका सर्वर हैक कर लिया है ।
अब बस रीट्रांसफरेशन करना बाकी है ,
और फिर उसके बाद
जनता का पैसा जनता के पास होगा..
मैंने जीपीएस भी एक्टिवेट कर दिया है ,
जल्द ही उसका परमानेंट एड्रेस भी ट्रेस हो जाएगा , और वो कमीना हमारे सामने होगा । "
करीम गुस्से से लाल होकर बोला ।
रेणु - "पर करीम तुम्हे कैसे पता चला कि ये वही शख्स है ,
जिसने कैप्टन पर जानलेवा हमला किया था ।"
करीम - "अब से लगभग साढ़े तीन महीने पहले , जब कैप्टन पर वो जानलेवा हमला हुआ था ।
तब खुद को गोलियां लगने से पहले कैप्टेन ने उसे पहचान लिया था ,
और अपने होश खोने से पहले हम सबको उसके बारे में बता भी चुके थे। लेकिन सिर्फ इतना ही कि वो कोई हैकर नाम का शख्स है ।
बस उसी से मैंने अंदाज़ा लगा लिया था कि ये जो आदमी इतनी आसानी से बैंक से इतना सारा रुपया एक साथ उड़ा सकता है ,
जरूर कैप्टन को मारने की इतनी खतरनाक साजिश भी इसी की है ।
और बस फिर चोरी वाले दिन से ही मैं , इसकी जन्म कुंडली निकालने में जुट गया ।"
रेणु - "वाओ, ब्रिलियंट करीम ।
सुपर्ब ।"
ध्रुव - "वैरी गुड कैडेट करीम ।
यू आर जीनियस ।"
करीम - "थैंक यू कैप्टन"।
टीं ...टीं ...टीं ...टीं ...टीं ...टीं....
मेन सिस्टम का अलार्म बजते ही
सभी ने तेज़ी से उस ओर अपने कदम बढ़ाये ।
ध्रुव - "लगता है कैडेट्स हमें उसका पता चल चुका है ।
जीपीएस ने अपना काम कर दिया ,
अब बारी हमारी है ।"
कम ऑन , लेट्स कैच द ब्लडी रैट ।"
At Hacker's hideout... 1:10 PM
1. "क्या हुआ , तुम्हारी टेक्निकल प्रॉब्लम सोल्व हुई कि नहीं ।"
हैकर - " जी मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूँ , पर अभी तक सफल नहीं हो पाया ।"
2. " जल्दी करने की कोशिश करो ,
कहीं कोई बड़ी मुसीबत ना आन पड़े ।"
हैकर - " ये क्या !!!....
हमारे अकाउंट से तेज़ी से पैसे वापस बैंक के एकाउंट्स में रिस्टोर हो रहे हैं ।
1."क्या !!
ये ... ये ..तुम क्या बकवास कर रहे हो ।
जल्दी कुछ करो वरना हम बर्बाद हो जाएंगे ।"
हैकर - "मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूँ "।
"किनारे पर खड़े होकर किश्ती पार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की कभी....
हार नहीं होती ।"
"कोशिश करते रहो हैकर , सफलता जरूर मिलेगी ।"
क.. क क ...कौन है !
कौन बोल रहा है ।
हैकर और बाकी दोनों के शरीर का पानी बन चुका था ।
मैं कुछ पूछ रहा हूँ ,
क.. कौन है ।
हैकर घबराकर , हड़बड़ाहट में बोला ।
" इतना उत्सुक ना हो हैकर
हमसे भी और यमराज से भी
दोनों से बहुत जल्द मिल लेगा तू ।"
अब हैकर को काटो तो खून नहीं ,
पसीना पसीना हो चुका था वो ।
तभी ,
1."ये ...... ये ...... हम कहाँ हैं " !!
2."ओये हैकर , क्या किया है तूने !"
हैकर- " म... म म ....मैंने कुछ भी नहीं किया है ।
मुझे नहीं पता ये सब क्या हो रहा है।"
थोड़े दिनों पहले जो कुछ ध्रुव के साथ घटा था , आज वो सब इन लोगों के साथ हो रहा था ।
1. "ये कौन सी जगह है ,
क....कहाँ हैं हम !"
हैकर- "मुझे क्या पता , य.... ये कौन सी जगह है !"
2."ये अचानक से हम इतनी गगनचुम्बी इमारत के टॉप रूफ पर कैसे पहुँच गए !
और ये कौन सी जगह है ,
चारों तरफ रेगिस्तान ही रेगिस्तान और बीच में ये अचानक इतनी बड़ी इमारत । "
हैकर-" ओह् माय गॉड ......
ये ......ये.. ये नहीं हो सकता ।
ये भला कैसे हो सकता है !
हैकर गला फाड़कर चिल्लाया ।
1. "तुम तो कह रहे थे , कि हम दोनों की मदद से सिर्फ तुम ही ऐसा कर सकते हो ।
फिर ये कौन है , जो तुम्हे तुम्हारे ही जाल में फंसा रहा है ।"
शान्ति .... चुम्बा.. शान्ति ।
1.(चुम्बा) - "क ...कौन हो तुम" !
म.. मेरा नाम कैसे जानते हो ।"
"वो .. वो..इजी मैन इज़ी ।
मैं सिर्फ तुम्हें ही नहीं तुम्हारे साथी रोबो को भी जानता हूँ ।"
2.(रोबो) - "ये तो मुझे ....ये मुझे भी जानता है ।
आखिर ये इंसान है कौन ?"
हैकर - "एक मिनट ,
ये आवाज.... ये आवाज तो कुछ जानी पहचानी लगती है ।
अचानक ही हैकर की आँखों में आश्चर्य भर गया ,
और उसका वो आश्चर्य उसके गले में भरकर फूटा ।
"ये ...ये तो सुपर कमांडो ध्रुव की आवाज़ है ,
इसका मतलब वो ज़िंदा है ।"
"पर कैसे ?"
"इतना दिमाग मत दौड़ाओ हैकर ,
कहीं ब्रेन हैमरेज ना हो जाए ।"
ध्रुव की आवाज़ जरूर आ रही थी पर वो कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा था।
क्योंकि अब ध्रुव भी वो ही चाल खेल रहा था जो कुछ समय पहले हैकर ने उसके साथ खेली थी ।
मगर अब समय आ चुका था
कि सब चीज़ों के ऊपर से रहस्यों के परदे उठाकर एक तरफ फेंक दिए जायें ।
और हर चीज एकदम शीशे की तरह साफ़ कर दी जाए ।
तभी एक तेज़ हवा का झोंका आया ,
और रोबो को उस पैंसठ मंज़िला इमारत की सबसे ऊपरी फ्लैट के विंडो पर लटका कर चला गया ।
"रोबो.......!!!"
चुम्बा चिल्लाया ।
और फिर चुम्बा और हैकर दोनों उसे ऊपर खींचने की जद्दोजहद में जुट गए ।
आखिरकार दोनों सफल भी हो चुके थे ।
"वाह ! आखिर बचा ही लिया तुम दोनों ने अपने प्रिय मित्र को ।"
ध्रुव ने शाबाशी के साथ कहा ।
"सामने क्यों नहीं आते हो ,
हिम्मत जवाब दे गयी क्या ?"
चुम्बा झल्लाया ।
"ओह् ...चैलेंज...।
गुड़ , वैरी गुड़ चुम्बा ...
चलो ठीक है , तुम्हारी ये सामने आने वाली विश भी पूरी कर देते हैं ।"
इतना कहते ही हैकर , चुम्बा और रोबो ने अपने आप को उसी रूम में पाया , जहां वो पहले थे ।
और साथ में अपने सामने खड़ा पाया ध्रुव और पूरी कमांडो फ़ोर्स को।
उसी के साथ पड़ी हैकर के गाल पर ,ध्रुव के बूट के द्वारा एक जोरदार तगड़ी किक ।
हैकर - "आह्ह्ह" ।
कराह उठा था हैकर ।
ध्रुव - " ठीक है तो शुरू करते हैं ,
सबसे पहले मैं अपनी कमांडो फ़ोर्स का हैकर से परिचय करता हूँ ।
कैडेट्स , इनसे मिलिए , ये हैं श्रीमान विनीत वर्मा... उर्फ़ हैकर ।
ये एक जाना माना कंप्यूटर अनालीसिस्ट है , जिसके लिए हैकिंग और कई दूसरे साइबर क्राइम्स बस बच्चों के खेल की तरह ही हैं ।
बचपन से बस इसका एक ही सपना रहा है , कि ये बड़ा होकर एक बहुत बड़ा सॉफ्टवेयर डेवलपर बनेगा ।
परंतु इसके लिए इसे इंजीनियरिंग करनी थी ,
और इंजीनियरिंग करने के लिए 10 + 2 में अच्छे परसेंटेज ।
मगर बदकिस्मती से इसे कंप्यूटर्स से तो पूरा लगाव था , पर पढ़ाई से ना के बराबर ।
जिसके चलते इसका इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने का सपना अधूरा रह गया ।
अधूरे सपनो ने इसमें , हमारे एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ एक अलग ही हीन भावना और नफरत की आग पैदा कर दी थी ।
इसने पूरे देश के ऑनलाइन एजुकेशनल प्रणाली को हैक करने की ठान ली , और ये अपने काम में दिन रात एक करके जुट गया ।
जो समय इसे फिर से पढ़ाई करके अपने आपको बेहतर बनाने में लगाना चाहिए था ,
वो समय ये देश के एजुकेशन सिस्टम को बर्बाद करने में लगा रहा था ।
मगर तब ये पूरी तरह से प्रोफेशनल ना होने की वजह से कुछ सेक्योरिटी फौल्टस कर बैठा , और मेरे द्वारा धरा गया ।
मैंने इसे पुलिस के हवाले कर दिया ,
और उसी दिन से इसके मिशन के बीच में आने की वजह से मैं इसका कट्टर दुश्मन बन गया ।
पर बात यहीं ख़त्म नहीं हुई ,
उसके कुछ ही दिन बाद ये जेल से फरार होने में कामयाब हो गया ।
अब इसका सबसे पहला मकसद था मुझसे बदला लेना ,
और उसके लिए इसे किसी हाई टेक दिमाग और हथियार दोनों से लैस आदमी की जरूरत थी ।
तब इसने मेरी और चुम्बा और मेरी और रोबो की दुश्मनी की हिस्ट्री निकाली ।
फिर इसने मैक्सिम सेक्योरिटी जेल
की सुरक्षा प्रणाली को बड़े तरीके से हैक किया और अपनी जरूरत के मुताबिक़ रोबो और चुम्बा को आज़ाद करा दिया ।
चूँकि रोबो और चुम्बा इसके द्वारा आज़ाद हुए थे , तो ये दोनों इसकी मदद करने को तैयार हो गए ।
जिसके बदले में इसने इन दोनों को खूब सारे पैसे का लालच दिया ,
जिसे ये लोगों के एकाउंट्स से चुरा कर इन दोनों के एकाउंट्स में डालता था ।
ये तो हुई अब तक की बात ,
अब थोडा आगे चलते हैं ।
उस दिन जब मुझे अपने चारों ओर वो बंजर सा नज़ारा दिखाई पड़ा ,
तो उसके साथ साथ मुझे एक अजीब सा मैग्नेटिक फील्ड फ़ोर्स भी महसूस हो रहा था
जो कि मेरी बाइक , बेल्ट , बूट्स और ब्रेसलेट्स पर आसानी से फील किया जा सकता था ।
और मेरे दिमाग को कब्ज़े में लेने का काम रोबो ने अपने वायरल हो चुके डैमेज्ड सिस्टम से जोड़कर बखूबी कर दिया था ।
मैं सारा माजरा समझ चुका था कि कोई मेरे चारों तरफ मैग्नेटिक तरंगों का जाल बिछाकर मेरे मष्तिष्क को उसमे उलझाना चाहता है ।
ताकि मैं वो देख सकूँ , जो वो मुझे दिखाना चाहता है ।
ना कि वो जो मैं देखना चाहता हूँ ।
अब सारा खेल हैकर के हाथों में पहुँच चुका था ।
उसने मुझे वो सब दिखाया जो उसके द्वारा बुना हुआ था ।
और मैं उसमे आसानी से फंसता चला गया ।
यहां तक की ये तो मुझे लगभग मार भी चुका था ।
लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत जुटाई
और अपने माइंड को पूरा कंसन्ट्रेट करके हेडक्वार्टर्स पर संपर्क साधने में सक्सेसफुल हो गया ।
और मैं मेंटली पूरी तरह से हैडक्वार्टर्स में पहुँच गया ।
जहां मैं चंद सेकण्ड्स के लिए करीम से मिला ।
और करीम को एहसास हुआ कि मैं वहाँ था ।
लेकिन मैग्नेटिक फील्ड की तरंगे इतनी मजबूत थी कि मैं अपनी उसी स्थिति में वापस आने को मजबूर हो गया ।
घायल होने की वजह से मैं एक जगह ध्यान नहीं लगा पा रहा था ।
लेकिन हैकर के चले जाने के बाद
मैंने हिम्मत करके कैडेट्स को वॉइज़ मैसेज भेजा ।
जिससे ये तुरंत ही वहाँ पहुंचे, और मुझे वहाँ से उठाकर सेम उसी हालत का मेरा क्लोन वहाँ पर छोड़ दिया ।
और मुझे इलाज के लिए हेडक्वार्टर्स ले आए ।
एंड डिअर कैडेट्स , द स्टोरी आफ़्टर दैट , ऑल ऑफ़ यू नॉ वैरी वैल ।"
ध्रुव बात ख़त्म करते हुए बोला ।
"जी कैप्टन , सही कहा " ।
कमांडो फ़ोर्स एक सुर में बोल उठी ।
ध्रुव - " और हाँ , तुम लोगों का एक कंफ्यूज़न तो दूर करना मैं भूल ही गया ।
और वो ये कि ...जो नज़ारा तुम लोगों ने मुझे दिखाया था ,
उसी टाइप का सीन मैंने तुम लोगों को कैसे दिखा दिया ?
तो वो बात कुछ ऐसी है टीम हैकर ,
कि तुम तीनो अकेले नहीं हो इस दुनिया में ,
जो फिजिक्स के नियमों को समझते हो ।
थोडा बहुत साइंस तो हम भी जानते हैं भाई ।
हमने तुम लोगों का सर्वर तो पहले ही हैक कर रखा था ,
अब बस हमें सिर्फ इतना सा करना था कि तुम लोगों के मैग्नेटिक फील्ड फ़ोर्स को , अपने ऑटो जैमर से रोककर अपना फ़ैरो मैग्नेटिक फील्ड फ़ोर्स का जाल यहां इस रूम में फैलाना था ।
और उसके बाद तुम लोगों के माइंड्स आ गए हमारे कब्जे में ,
और तुम तीनो ने जो रेगिस्तान में अपने आप को उस बिल्डिंग के ऊपर पाया था ,
वो बस एक दिमागी छलावे के अलावा और कुछ भी नहीं था ।
ध्रुव - " क्यों कैडेट्स । "
क. फ़ो . - " जी कैप्टन"।
ध्रुव - "ओ के टीम , अब हमें क्या करना है ? "
क. फो. - "इन तीनों को घसीटते हुए ले जाकर , पुलिस के हवाले कर देना है कैप्टेन ।"
ध्रुव - "ह्म्म.."
और इतना कहते ही ध्रुव ने एक जोरदार किक चुम्बा के चेहरे पर भी जड़ दी ।
और रही सही कसर रेणु ने रोबो के गाल पर एक तगड़ा घूसा जमाकर पूरी कर दी ।
तीनो के बेहोश हो जाने के बाद ,
कमांडो फ़ोर्स अपना काम कर चुकी थी ।
उन्होंने सब से पहले उस रूम की एक एक चीज को तबाह कर दिया ।
और फिर उन तीनो को खुद पुलिस स्टेशन तक का रास्ता दिखा कर आये ।
जहां से वो तीनो पहुंचे ,
Maximum Security Jail ,
6:00 PM
चुम्बा , रोबो और हैकर तीनो को स्पेशल सैल में डाल दिया गया ।
चुम्बा और रोबो बेहोश थे ,
मगर हैकर अपनी आँखों से अपना नर्क देख चुका था ।
इधर राजनगर में सभी को पता चल गया था कि उनका सुपर हीरो ध्रुव वापस आ चुका है ।
हर मुसीबत , हर खतरे से उनको बचाने ।
और ध्रुव का परिवार ,
वो तो मानो आज सातवें आसमान पर था ।
सारे मोहल्ले में मिठाइयां बंटवा चुकी थी मिसेज़ रजनी ।
उधर,
मैक्सिम सेक्योरिटी जेल ,
"हाआआआ....
अच्छा नहीं किया सुपर कमांडो ,
ये तूने बिलकुल अच्छा नहीं किया ।
क़ीमत तो तुझे इसकी चुकानी ही पड़ेगी , जब मैं जेल से बाहर आऊंगा , और कर दूंगा तेरा खेल .......
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